भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी से अगर ब्रेक चाहते हैं तो घूम आइए चम्बा (Chamba), धरती पर ही स्वर्ग सा होगा एहसास
रावी नदी के तट पर स्थित चम्बा को कुदरत ने बहुत नायब खूबसूरती दी है, जो हिमाचल प्रदेश के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है।कुछ हिल स्टेशन अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपनी विरासत और संस्कृति के लिए, चम्बा इन दोनों को जोड़ता है और इस तरह भारत के अन्य प्रसिद्ध हिल स्टेशनों से अलग है।
आज हम बात करेंगे चम्बा के टॉप हिल स्टेशन की, जहां जाना हर किसी का सपना होता है। वैसे तो पूरा हिमाचल खूबसूरत
है लेकिन चम्बा के ये टूरिस्ट स्टेशन की बात ही कुछ और है। इन स्थानों का चयन हमने सुविधाओं और खूबसूरती के अनुसार किया है। चम्बा के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों के बारे में जानने के ब्लॉग को अंत तक पढ़ना। मुझे उम्मीद है, यह लेख पढ़ने के बाद आपका मन भी चम्बा की खूबसूरत वादियों में आने को करेगा।
धरती पर ही स्वर्ग का एहसास करवाता है मिनी स्विटजरलैंड –
मिनी ”स्विट्जरलैंड” के नाम से प्रसिद्ध खज्जियार मनमोहक वातावरण और अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है। खज्जियार सच में एक मिनी स्विट्जरलैंड का एहसास कराता है। भले ही खज्जियार एक छोटा पर्यटक स्थल है लेकिन लोकप्रियता के मामले में भारत के किसी भी हिल स्टेशन से कम नहीं है।
खज्जियार का सबसे प्रमुख आकर्षण है यहां का घास का मैदान जिसकी खूबसूरती का अनुभव करने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। खज्जियार में आप चाहे किसी भी महीने आए आपको खज्जियार में हर महीने में एकअलग और शानदार अनुभव जरूर होगा, अगर आप यहां गर्मियों के दिनों आते हो तो आपको यहां का मौसम बिलकुल साफ़ दिखाई देगा और अगर आप बारिश के समय यहां आते हो तो आपको यहां हरियाली सहित बहुत ही सुन्दर वातावरण देखने को मिलेगा और अगर आप
सर्दियों के समय यहां आते हैं तो आपको खज्जियार बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ देखने को मिल जाएगा। यहां आपको हर मौसम का एक अलग ही अनुभव होगा और एक प्रकृति प्रेमी के लिए खज्जियार किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
चम्बा का दिल ऐतिहासिक चौगान –
जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक चौगान चम्बा का दिल माना जाता है। शहर के बीचोंबीच स्थित इस मैदान की खूबसूरती यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करती है। कहा जाता है कि चौगान की जगह पहले रावी नदी बहती थी। यहां आने वाले लोग चौगान में बैठ कर कुछ पल गुजारना नहीं भूलते। इसी चौगान में ऐतिहासिक मिंजर मेले का भी आयोजन किया जाता है। वहीं, खेल के मैदान के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है।
चौगान नंबर एक की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए इसे सर्दी के मौसम में छह माह तक बंद कर दिया जाता है, ताकि इसकी खूबसूरती को बनाए रखा जा सके। कुल मिलाकर इतना कहा जा सकता है कि ऐतिहासिक चौगान चम्बा की खूबसूरती में चार चांद लगाता है।
खज्जियार
चौगान
चामुंडा मंदिर
चम्बा जिला रमणीय मंदिरों के लिए सर्व विख्यात है। चामुंडा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि चम्बा नगर बसने से पहले ही विद्यमान था। सारा चम्बा शहर मां चामुंडा के चरणों में बसा हुआ है। बर्फ से ढकी पहाड़ियों और नदी के किनारे बसे चामुंडी देवी मंदिर का स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के बीच बहुत महत्व है। देवी काली को समर्पित, 300 साल पुराना मंदिर चम्बा का एकमात्र लकड़ी का मंदिर है, जिसकी एक छत है। इसका जबड़ा छोड़ने वाला परिवेश इसे चम्बा में घूमने के लिए सबसे अनुशंसित स्थानों में से एक बनाता है।मंदिर में एक तालाब भी है जिसमें लोग पवित्र स्नान करते हैं। मंदिर परिसर के अंदर एक हस्तशिल्प केंद्र भी है जहां से आप प्रसिद्ध कांगड़ा पेंटिंग, कांगड़ा चाय और लकड़ी की कलाकृतियाँ ले सकते हैं। यह घूमने के लिए सबसे अच्छी चम्बा जगहों में से एक है।
चमेरा झील
चमेरा झील पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला में डलहौजी के पास स्थित एक बेहद ही खूबसूरत आकर्षण से भरा हुआ एक प्राकृतिक झील है। यह झील चमेरा बांध के द्वारा निर्मित डलहौजी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झील है। यह झील चम्बा घूमने जाने वाले पर्यटकों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है। यहां पर अक्सर पर्यटकों के द्वारा भीड़ देखने को मिलती हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
लक्ष्मी नारायण मंदिर पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला का एक प्रमुख पुराना एवं सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव और विष्णु की मूर्तियों को स्थापित किया गया है। इस मंदिर में काफी अच्छा खासा श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती हैं। यहां जाने पर शांति का अहसास होता है।
मणिमहेश झील
मणिमहेश झील हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के भरमौर क्षेत्र में स्थित एक बेहद ही खूबसूरत व आकर्षक पर्वतीय झील है। इस झील को शिव के आभूषण के नाम से भी जाना जाता है। इस झील के पास जाने के लिए पर्यटकों के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों को पहाड़ों पर 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। झील हिंदू के लिए एक तीर्थ स्थल है।
जिसकी यात्रा साल में एक बार अगस्त से सितंबर के दौरान अमावस्या के आठवें दिन जन्माष्टमी से राधाष्टमी के बीच आयोजित की जाती है।
चम्बा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय क्या है
चम्बा घूमने के लिए वैसे तो आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी मौसम का चुनाव कर यहां पर जा सकते हैं, लेकिन यहां पर जाने का अनुकूल एवं अच्छा समय मार्च से लेकर जून माह के बीच के समय को माना जाता है, इसलिए अगर हो सके तो आप चम्बा घूमने जाने का ट्रिप का प्लान मार्च से जून माह के बीच में ही बनाए।
कैसे पहुंचे चम्बा
अगर आप हिमाचल के चम्बा जिला को विजिट करने का प्लान बना रहे हैं तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि यहां पर जाए तो कैसे जाएं।चम्बा आप दो मार्गो से आ सकते हैं,
अगर आप हवाई यात्रा से चम्बा आना चाहते है तो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित गगल एयरपोर्ट तक आ सकते है जहां से चम्बा की दूरी करीब 117 किलोमीटर है।
अगर आप ट्रेनके द्वारा चम्बा आना चाहते हैं तो आप पठानकोट तक ट्रेन तक आ सकते है हैं और वहां से चम्बा की दूरी 103 किलोमीटर के आसपास है।
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