Chickenpox : यह गलती की तो पूरे शरीर पर निशान पड़ जाएंगे
चिकनपॉक्स (Chicken pox) एक एसी बीमारी है, जिसे अधिकतर लोग माता के नाम से जानते हैं। यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जोकि वरिसल्ला जोस्टर वायरस (varicella-zoster virus (VZV ) द्वारा होता है। यह एक बेहद ही तेजी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है, जिससे न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के लोग परेशान होते हैं। चिकनपॉक्स (Chickenpox) को रोकने के लिए वरिसल्ला वैक्सीन (varicella vaccine) को काफी हद तक असरदार माना जाता है। चिकनपॉक्स (Chickenpox) के कारण पूरे शरीर पर दाने या छाले हो जाते हैं, इन दानों में i की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अगर आपको भी चिकनपॉक्स हो जाता है तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, कुछ उपचार के बाद आप इस संक्रमण से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको चिकनपॉक्स (Chickenpox in hindi) क्या है, इसके लक्षण व बचाव से जुडी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे। आपको मेरा यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरुर बतायें।
चिकनपॉक्स ( Chickenpox in hindi)
चिकन पॉक्स तेजी से फैलने वाला एक ऐसा वायरल इन्फेक्शन है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर जाता है। जब हम बोलते छींकते या खांसते हैं तो उस समय हमारे मुहं से जो कण निकलते हैं, वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यति के शरीर में चले जाते हैं। जब एक बार इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो जाता है तो उसके एक या तीन हफ्ते बाद उस व्यक्ति में भी चिकनपॉक्स के लक्षण आने लगते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जिनमें रोगाणुओं और बीमारी से लड़ने की क्षमता कम होती है, उनमें संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
क्यों होता है चिकनपॉक्स (Causes of Chickenpox )
चिकन पॉक्स एक विषाणु से होने वाली बीमारी है। इस रोग के विषाणु त्वचा की छोटी रक्त वाहिकाएं, गले और मुंह में असर दिखाते हैं। इसके लिए दो तरह के विषाणु उत्तरदायी माने जाते हैं।
वायरोला माइनर विषाणु कम खतरनाक माना जाता है। इस वायरस से बहुत कम मृत्यु होती है। यह रोग बहुत जल्दी फैलता है। इसके टीके के आविष्कार से पहले यह रोग महामारी की तरह फैलता था और इससे बहुत अधिक लोगों की मृत्यु होती थी। हम बात करें ‘वायरोला मेजर’ की तो इसके विषाणु माइनर की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसके कारण मृत्यु होने की अधिक संभावना होती है। इसके होने से चेहरे पर दाग, अंधेपन जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं, इसीलिए समय पर चेचक की पहचान कर इलाज करवाना आवश्यक होता है।
चिकनपॉक्स के लक्षण (Symptoms of Chickenpox)
चिकनपॉक्स के लक्षणों में व्यक्ति को बुखार आ सकता है। साथ ही उसके शरीर पर छोटे-छोटे पानी से भरे हुए दाने निकल सकते हैं। जैसे- जैसे समय बीतता जाता है यह निशान पेट, छाती और पीठ से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फ़ैलने लग जाते हैं। आमतौर पर संक्रमण ठीक होने में लगभग एक सप्ताह लग सकता है। शरीर पर दानों के साथ थकान, बुखार व भूख में कमी और सिरदर्द की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
चिकनपॉक्स से बचाव (chickenpox prevention)
चिकनपॉक्स से बचाव के लिए टीका लगवाना काफी फायदेमंद माना जाता है। चिकनपॉक्स के टीके की दो खुराक आपको संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है। यदि टीका लगाए गए व्यक्ति को चिकनपॉक्स हो भी जाता है, तो लक्षण आमतौर पर कम या हल्के होते हैं। संक्रमण के दौरान आहार का विशेष ध्यान रखें, इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का अधिक सेवन करने से लाभ मिलता है। संक्रमण के दौरान तरल चीजों, जूस और पानी पीते रहें।
चिकनपॉक्स का घरेलू इलाज (home remedies for chickenpox)
चिकन पॉक्स या चेचक होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए रोगी को नारियल पानी, जूस व सूप आदि देना चाहिए। इस दौरान शरीर के प्रभावित हिस्सों में खुजली भी बहुत होती है, इससे बचने के लिए दानों पर चंदन का तेल एलोवेरा जेल लोशन का प्रयोग करें। इस दौरान रोगी की साफ़ सफाई भी बेहद आवश्यक होती है। रोगी के नहाने के पानी में बेकिंग सोडा, नीम की पतिया, सेब का सिरका बेहद कम मात्र में मिलकर प्रयोग करें। इसके अलावा रोगी को खाने में पानी से भरपूर सूप, गाजर, हर्बल टी, नीबूं पानी आदि अवश्य खिलाना चाहिए। चेचक से बचाव के लिए यह जरुरी है कि आप खुले पदार्थ को कभी न खाएं। इस बीमारी के वायरस ठण्ड में अधिक फैलते हैं, इसलिए रोगी को ठण्ड से बचाकर रखना चाहिए। अगर बच्चों को चिकन पॉक्स हो तो उनका खास ख्याल रखना चाहिए। बच्चों के नाख़ून छोटे रखें क्योंकि चिकनपॉक्स के दाने खुजली करते हैं और नाख़ून लगाने पर दानों में संक्रमण बढ़ सकता है और दर्द भी। संक्रमक बीमारी होने के कारण स्त्री को बच्चों को स्तनपान नहीं करवाना चाहिए। बेशक यह बीमारी काफी हद तक नियत्रंण में है लेकिन असावधानी होने पर कई मामलों में जानलेवा भी साबित होता है, इसलिए चिकन पॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चहिए। विशेषकर बच्चों के मामलों में तो बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहिए।
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चेचक का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय
चेचक मुख्य रूप से वायरस द्वारा फैलने वाला बुखार है, जो खान-पान की गलत आदतों, सफाई की कमी या बहुत ही ठन्डे या गर्म मौहाल में रहने के कारण होता है। अगर आप कभी भी इस बीमारी का शिकार होते हैं तो कुछ घरेलू उपाय आपको काफी हद तक इस रोग से छुटकारा दिला सकते हैं।
गाजर और धनिया से चेचक का घरेलू उपचार
गाजर और धनिया पत्ती दोनों चीजें ठंडी होती हैं, इनका मिश्रण एक अच्छा एंटी-ओक्सिडेंट होता हैं। एक कप गाजर के टुकड़े और डेढ़ कप धनिया के पत्ते कटे हुए ढाई कप पानी में उबाल लें। आधा रह जाने पर उसे पीएं। यह प्रयोग एक माह तक दिन में एक बार करें।
नीम के प्रयोग से चेचक का घरेलू इलाज
नीम के पत्ते को पानी के साथ पीसकर प्रभावित भाग पर लगाएं। इसके अलावा नीम के पत्तों को पानी में उबालें और इस पानी को नहाने में प्रयोग करें। इस तरह से चेचक के फैलने की संभावना कम होती है और दर्द में भी काफी राहत होती है।
बेकिंग सोडा चेचक में फायदेमंद
बेकिंग सोडा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो घाव को भरकर संक्रमण को दूर करने में काफी सहायक होते हैं। आधा चम्मच बेकिंग सोडा पानी में मिला कर किसी साफ कपड़े को इसमें भिगोकर प्रभावित भाग पर लगाएं और अच्छे से सूखने दें।
चिकनपॉक्स को माता कहने वाला भारत एकमात्र देश
भारत में चिकन पॉक्स को माता का गुस्सा या प्रकोप कहा जाता है, बता दें कि चिकन पॉक्स को माता कहने वाला भारत एक मात्र देश है। मान्यता के अनुसार हम सबको बनाने वाले भगवान हैं और भगवान जब चाहे तब आशीर्वाद या सजा दे सकते हैं। यह बात उन पर निर्भर करती हैं कि वह किससे खुश व नाराज हैं। पहले कहा जाता था कि भगवान को किसी व्यक्ति को सजा देनी होती है तो वह उस व्यक्ति को बीमारी के रूप में सजा देते हैं।
चिकनपॉक्स होने की दो वजह
चिकन पॉक्स होने की दो वजह हो सकती हैं। पहली – शीतला माता आपसे खुश है और दूसरी वह आपसे नाराज हैं। ऐसी मान्यता है कि माता बच्चों को खसरा जैसे रोग से बचाने के लिए उसके शरीर में जाती है और खसरे को खत्म करके उसे स्वस्थ कर दी हैं। बता दें कि अगर किसी के शरीर पर माता निकल आई है तो उसे मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है।