Himachal news: हिमाचल की Top 10 खबरें ! 8 नवंबर
1) Himachal news: जयराम ठाकुर ने डीपीयू में उपलब्ध राशन में 20% तक की मूल्य वृद्धि पर सरकार को घेरा है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार को आम लोगों से कोई सरोकार नहीं रह गया है। सरकार नारा ‘सुख की सरकार’ का देती है और काम सारे ‘दुःख की सरकार’ के करती है। दीवाली के समय में सरकार ने प्रदेश के डिपुओं पर मिलने वाली खाद्य सामग्रियों के दाम में लगभग बीस फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में आपदा की मार झेल रहे प्रदेशवासी क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि त्यौहारों में सरकार लोगों को तोहफ़े देती है जिससे लोग अच्छे से त्यौहार मना सके। लेकिन कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों पर महंगाई का बोझ डालने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के लोगों पर महंगाई का बोझ डाला है। इसकी शुरुआत सरकार बनते ही शुरू हो गई थी। लोगों से महंगाई कम करने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस ने सत्ता सम्भालते ही डीज़ल का वैट बढ़ाकर अपने चुनावी वादे के उलटा चलना शुरू कर दिया था और आज भी उसी रास्ते पर चल रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना’ के माध्यम से देश भर में अस्सी करोड़ से ज़्यादा लोगों को निःशुल्क अन्न उपलब्ध करवा रही हैं। पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ़ राज्य सरकार है आये दिन डिपुओं में मिलने वाले सामानों में कटौती कर रही है और जो मिल रहा है उनके दाम बढ़ा रही है। आपदा से जूझ रहे प्रदेश के लोगों के लिए सरकार द्वारा लिए गए ऐसे निर्णय किसी भी हाल में सही नहीं कहे जा सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने कहा कि डिपुओं में मिलने वाली उड़द की दाल के दाम 59 रुपए से बढ़ाकर 63 रुपए कर दिए, एपीएल को दी जाने वाली मलका की दाल के दाम 63 से बढ़ाकर 73 रुपए कर दिए। इसी तरह रिफ़ाइंड तेल के दाम बढ़ाकर 104 रुपए से बढ़ाकर 114 रुपये कर दिए। दीवाली के समय में इस तरह से खाने पीने की चीजों के बेतहाशा दाम बढ़ाकर प्रदेश के लोगों को परेशान करना, सरकार के निरंकुश होने का प्रमाण है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार का काम लोगों को राहत देने का है, जिससे लोगों की समस्याएं कम हो, बढ़े नहीं। लेकिन वर्तमान सरकार के सभी काम लोगों की समस्याओं को बढ़ाने वाले होते हैं। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश के लोगों को परेशान करने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। लगभग एक साल के कार्यकाल में ही यह सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। लोग आज सड़कों पर हैं। सरकार ने प्रदेश के लोगों से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। प्रदेश में पहली बार ऐसी सरकार है जो सिर्फ़ झूठ बोल कर सरकार में आई और झूठ बोलकर ही उसे चलाना चाह रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह नहीं हो पाएगा अब प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को सबक़ सिखाने का मन बना लिया है।
2) Himachal news: जयका पहल के तहत किन्नौर के श्यासो गांव में 76,000 लीटर की क्षमता वाले जल भंडारण टैंक का निर्माण किया गया।
प्रदेश के शीत मरूस्थल क्षेत्रों में हरियाली लाने के लिए जाइका परियोजना की पहल का परिणाम सामने आने लगा है। ऐसे में जाहिर है कि जाइका प्रोजेक्ट से शीत मरूस्थल में हरियाली आने लगी है। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी जाइका वानिकी परियोजना के तहत जिला किन्नौर के श्यासो गांव में 76 हजार लीटर की क्षमता वाला सिंचाई जल भंडारण टैंक तैयार किया गया। इस कठिन एवं शीत भौगोलिक परिस्थिति के दायरे में आने वाले इस गांव की जनता के जज्बे को भी सलाम करना होगा। यह इसलिए कि वहां की जनता ने श्रमदान के माध्यम से एक लाख के अतिरिक्त बजट को कवर किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जाइका प्राजेक्ट के तहत 76 हजार लीटर वाटर स्टोरेज टैंक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 6 लाख रुपए का खर्चा आया। जाइका की ओर से 5 लाख का बजट दिया गया और एक लाख का काम वहां के स्थानीय लोगों ने श्रमदान के माध्यम से किया। ऐसे में अब इस क्षेत्र में जल भंडारण टैंक के होने से पौधरोपन के बाद उन्हें सींचने में पानी की कमी नहीं सताएगी। इसके साथ-साथ इस वाटर स्टोरेज टैंक का लाभ वहां के लोगों की भूमि सुधार में भी मिलेगा। यही नहीं, बल्कि यहां कृषि योग्य भूमि पर कृषि भी हो पाएगी।
जाइका प्रोजेक्ट के माध्यम से जल भंडारण टैंक बना तो लोगों ने खेतों तक सिंचाई जल की सप्लाई के लिए कुहलों का निर्माण भी कर दिखाया। इस परियोजना के तहत वहां की महिलाओं की आर्थिकी के सुधार के लिए स्वयं सहयाता समूह का गठन कर प्रशिक्षण का आयोजन एवं मशीनरी खरीदने में आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। बता दें कि इस गाव में इससे पहले सिंचाई के लिए इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। जाइका परियोजना ने यहां टैंक निर्माण कर किसान एवं बागवानों को बेहतर सुविधा दी।
बागवानों को मिली सिंचाई की बेहतर सुविधा
जाइका वानिकी परियोजना के तहत जिला किन्नौर के श्यासो गांव में निर्मित जल भंडारण टैंक से अब वहां के किसान एवं बागवानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा भी मिल रही है। गौरतलब है कि किन्नौर का श्यासो गांव काफी दुर्गम है और यहां बारिश न होने के कारण किसान एवं बागवानों को सिंचाई में काफी दिक्कतें आती हैं। हालांकि यहां कृषि एवं बागवानी लोगों की आर्थिकी का मुख्य साधन है, लेकिन सिंचाई के पानी की कमी के चलते लोगों को काफी परेशानियां होती थी। मगर जब से जाइका प्रोजेक्ट से यहां 76 हजार लीटर की क्षमता का टैंक तैयार किया उसके बाद यहां के किसान एवं बागवानों की तकदीर बदलने लगी है।
वानिकी एवं जैव विविधता विशेषज्ञ, जाइका डा. सुशील काप्टा ने कहा कि हाल ही में हमारी टीम ने जिला किन्नौर के श्यासो गांव में निर्मित 76 हजार लीटर की क्षमता के जल भंडारण टैंक का निरीक्षण किया। जाइका परियोजना के तहत क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से यहां के लोगों में काफी उत्साह है, जाइका परियोजना से लोगों को लाभ मिल रहा है। दूरदराज गांव श्यासो में वाटर स्टोरेज टैंक होने से यहां के किसान एवं बागवानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी।
3) Himachal news: हिमाचल में नशे का एक और मामला: कालेज के पास चिट्टा बेचते पकड़े दो युवक, मचा हडक़ंप
सुंदरनगर पुलिस ने नशे के सौदागरों पर नकेल कसते हुए शहर के एक कॉलेज के पास चिट्टा बेच रहे दो युवकों को 7.49 ग्राम चिट्टे सहित गिरफ्तार किया है। रूटीन गश्त के दौरान पुलिस टीम को देखकर युवक घबराकर भागने लगे, जिस पर उनकी तलाशी ली, तो उनसे 7.49 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ।
आरोपी युवकों की पहचान यशश्वी उम्र 22 साल निवासी सलाह और सुमित उम्र 28 वर्ष निवासी चखारा तहसील सुंदरनगर के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों युवकों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने मामले की पुष्टि की है। आरोपियों को सुंदरनगर न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
4) Himachal news: आलू बीज और हरा मटर नहीं, अब लाहुली सेब से भी जानी जाएगी घाटी, कमाई का बड़ा जरिया
जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति आलू बीज, हरा मटर और गोभी के बाद अब सेब के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने लगा है। जिला में कृषि के साथ-साथ सेब अब जनजातीय लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लिहाजा शीत मरुस्थल के नाम से विख्यात लाहुल-स्पीति में बागबानी की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है।
बागबानी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक घाटी में 1140 हेक्टेयर में सेब की पैदावार की जा रही है, जिनमें रेड रॉयल, रेड चीफ, सुपर चीफ, रेड डिलीशियस, गोल्डन, स्कारलेट, स्पर वांस, ऑर्गन, स्पर गेल गाला, ग्रेमी स्मिथ जैसे विदेशी प्रजाति के सेब उगाए जा रहे हैं। इन दिनों लाहुल घाटी में सेब तुड़ान का काम चल रहा है। बागबानों को बगीचों में ही 60 से 70 रुपए प्रति किलो सेब के दाम मिल रहे हैं । उच्च गुणवत्ता के साथ अधिक समय तक टिकाऊ और बेहद रसीला होने के कारण बाजार में लाहुली सेब की मांग हर साल बढ़ रही है। व्यापारी संजीव और सोहन ने बताया कि उच्च गुणवत्ता के सेब की शेल्फ लाइफ अच्छी है।
बागबानों से प्रति किलो 60 से 70 रुपए के बीच बगीचों में ही सेब खरीद रहे हैं, लेकिन घाटी में कोल्ड स्टोर की कमी खल रही है। केलांग में तैनात उद्यान विकास अधिकारी निकिता वैद्य का कहना है कि घाटी में सेब की ओर बागबानों का रुझान बढ़ता जा रहा है और वर्तमान समय में 1140 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की बागबानी की जा रही है। लाहुली सेब जूसी, क्रिस्पी और बिना खराब हुए अधिक समय बेहतर हालात में रह सकता है। बागबानों को बेहतर दाम मिलने से उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है।
5) Himachal news: आज से मैदानों में बारिश, ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना
हिमाचल में तीन दिन बारिश-बर्फबारी के आसार बने हुए है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बुधवार से हिमाचल में आगामी तीन दिन मौसम खराब रहेगा और 9 नवम्बर को तो बिजली चमकने और अंधड़ चलने का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कुछ भागों में तीन दिनों तक बारिश-बर्फबारी की संभावना है। इस दौरान कुछ भागों में गरज के साथ बिजली चमकेगी। बुधवार को मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में छिटपुट स्थानों पर हल्की वर्षा व हिमपात हो सकता है, जबकि 9 नवम्बर को यैलो अलर्ट के बीच में मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा व हिमपात होने की संभावनाएं है। यही क्रम 10 नवम्बर को भी रहेगा।
इसके चलते प्रदेश में 9 से 11 नवम्बर तक औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3 से 4 डिग्री नीचे गिरने की संभावना है। वहीं, औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 2 डिग्री नीचे गिरने के आसार है, जिससे ठंड और बढ़ जाएगी। केलांग में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 0.1, जबकि अधिकतम तापमान ऊना में 30.8, वहीं राजधानी शिमला का अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। विभाग के अनुसार 11 नवंबर के बाद राज्य में मौसम साफ रहने के आसार है। विभाग ने मौसम संबंधी जारी की गई सलाह का पालन करने को कहा है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को संबंधित विभागों की ओर से जारी सलाह, दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। साथ ही गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले मार्ग पर यातायात संबंधी जानकारी संबंधित विभाग से पता करने व मौसम की स्थिति को देखते हुए ही यात्रा करने की सलाह दी है।
6) Himachal news: ‘पर्यटक ग्राम’ से हिमाचल की संस्कृति जानेंगे मेहमान, पर्यटन कारोबार बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई योजना
सैलानियों को हिमाचल की संस्कृति से रू-ब-रू करवाने के लिए राज्य सरकार ‘पर्यटक ग्राम’ की स्थापना करेगी। इससे सैलानी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगे। इससे जहां युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा, वहीं हिमाचली संस्कृति का भी देश और विदेश तक प्रचार-प्रसार होगा। प्रदेश सरकार पारंपरिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन राजधानी कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण प्रस्तावित है।
बनखंडी में 300 करोड़ रुपए की लागत से चिडिय़ा घर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही 60 करोड़ रुपए का प्रावधान इसके पहले चरण के निर्माण के लिए किया है। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पर्यटक ग्राम’ की स्थापना भी की जा रही है। इसमें स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, संगीत इत्यादि को प्रसारित करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘ओल्ड एज होम’ विकसित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार हिमाचल को पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। हाल ही में हमीरपुर जिला के नादौन में ब्यास नदी में तीन दिवसीय एशियन राफ्टिंग चैंपियनशिप का सफल आयोजन किया गया। इसमें नेपाल, भूटान और कजाकिस्तान जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल्लू-मनाली के उपरांत नादौन ब्यास नदी पर राफ्टिंग का नया केंद्र बनकर उभरा है। नादौन क्षेत्र में पर्यटन विकास के दृष्टिगत एशियन विकास बैंक की मदद से 2500 करोड़ रुपए की परियोजना भी प्रस्तावित है। इससे पूर्व बिलासपुर जिला में स्थित गोबिंद सागर झील में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गईं। मंडी जिला के ततापानी में कोल बांध झील में भी जल क्रीड़ा पर आधारित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांगड़ा जिला के पौंग डैम में वाटर स्पोट्र्स, शिकारा, क्रूज़ तथा यॉट इत्यादि की भी व्यवस्था की जा रही है।
पर्यटन से मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोडक़र रोजगार के स्थायी अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा और प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाने पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
1311 करोड़ की बड़ी योजना
एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपए की एक व्यापक पर्यटन विकास योजना की घोषणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में की है। इसके अंतर्गत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपए, हमीरपुर में 257 करोड़ रुपए, कुल्लू में 229 करोड़ रुपए, शिमला में 123 करोड़ रुपए तथा मंडी जिला में 138 करोड़ रुपए व अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपए पर्यटन विकास पर व्यय किए जाएंगे।
7) Himachal news: प्रदेश के राशन डिपुओं में इस महीने मिलेगी दो किलो चना दाल, दालों की नई रेट लिस्ट जारी
प्रदेश के राशन डिपुओं इस माह दो किलो दाल चना मिलेगी। इस माह एक किलो अधिक दला चना उपभोक्ताओं को दी जाएगी। खाद्य आपूर्ति निगम ने डिपुओं में दी जाने वाली दालों के दामों की नई सूची जारी कर दी है। प्रदेश के राशन डिपुओं में दाल चना बीपीएल परिवारों को 38 रुपए किलो और एपीएल परिवारों को 48 रुपए किलो के हिसाब से मिलेगी, जबकि बाजार में 90 रुपए प्रतिकिलो तक दाल चना के दाम हैं। प्रदेश सरकार सस्ते दामों पर लोगों को राशन उपलब्ध करवा रही है।
प्रदेश के करीब 19 लाख उपभोक्ताओं डिपुओं में मिलने वाले सस्ते राशन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा उड़द की दाल बीपीएल परिवारों को 63 रुपए किलो और एपीएल परिवारों को 73 रुपए किलो के हिसाब से मिलेगी। बाजार में उड़द की दाल 110 रुपए तक मिल रही है। वहीं, मलका की दाल बीपीएल परिवारों को 63 रुपए किलो और एपीएल परिवारों को 73 रुपए किलो के हिसाब से मिलेगी। मलका दाल के दाम में पहले से तीन रुपए बढ़े हैं। दूसरी तरफ आजकल बाजार में मल्का की दाल 100 रुपए प्रतिकिलो तक मिल रही है। इसके अलावा राशन डिपुओं में सरसों का तेल 114 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जाएगा। खाद्य आपूर्ति निगम के एमडी राजेश्वर गोयल ने बताया कि इस माह राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को दो किलो चना दाल दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डिपुओं में दी जाने वाली दालों के रेट की नई सूची जारी कर दी गई है।
8) Himachal news: हिमाचल में अवैध नर्सरी लगाने पर होगी जेल, उद्यान विभाग ने नर्सरी पंजीकरण शुल्क 5000 रुपए किया तय
हिमाचल में बाहरी राज्यों से अनधिकृत तरीके से नर्सरी लगाने वालों पर विभाग ने शिकंजा कसने का खाका तैयार कर लिया है। उद्यान विभाग ऐसे अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाने के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। नर्सरी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2020 के तहत अब छह माह से एक साल तक की सजा और 50000 का जुर्माना करने का प्रावधान किया है। एक्ट में संशोधन करने के बाद पहली बार सजा व जुर्माने का प्रावधान किया है। इस बात की पुष्टि उद्यान विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डाक्टर बीएम चौहान ने की है। वहीं, नर्सरी के पंजीकरण शुल्क भी 5000 रुपए कर दिया है, जो कि पहले मात्र 100 रुपए हुआ करता था। अगर बात कुल्लू जिला की करें, तो यहां पर 95 से लेकर 100 तक की नर्सरी विभाग के पास पंजीकृत है।
कश्मीर सहित बाहरी राज्यों के लोग अनधिकृत तरीके से यहां पर लाकर पौधे बेचते है और अवैध तरीके से नर्सरी का कारोबार करते है। लेकिन इस सीजन में विभाग पूरी निगरानी रखेगा। अगर इस तरह से कोई कारोबार करता हुआ पाया गया, तो उनके खिलाफ भी नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग ने इस बार आम जनता से भी इस बारे में विभाग का सहयोग करने का आह्वान किया है। उद्यान विभाग कुल्लू के निदेशक डा. बीएम चौहान ने बताया कि अवैध नर्सरी लगाने वालों के खिलाफ नर्सरी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2020 के तहत अब छह माह से एक साल तक की सजा और 50000 का जुर्माना करने का प्रावधान किया है।
9) Himachal news: एनएचपीसी-दो हिमाचल को देगी 13 प्रतिशत बिजली, सितंबर 2024 में शुरू होगा उत्पादन
एनएचपीसी-दो से हिमाचल प्रदेश को बिजली उत्पादन का 13 प्रतिशत हिस्सा देगी। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में एनएचपीसी का एक और प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन होगा। बस एक साल बाद एनएचपीसी चरण-दो परियोजना के पांच में से प्रोजेक्ट के दो एडिट में भी विद्युत उत्पादन शुरू होगा। टनल का बोरिंग कार्य पूरा हो गया है। टनल के दोनों छोर मिल गए। बस अब टनल का लाइनिंग का कार्य शेष रह गया है। यह कार्य अगले साल पूरा होगा और सितंबर 2024 में बिजली उत्पादन शुरू होगा।
इस प्रोजेक्ट की शुरू में लागत चार हजार करोड़ थी। इस प्रोजेक्ट का कार्य पूरा करने का लक्ष्य 2007 था, लेकिन टनल में पानी रिसाब और डेढ़ किलोमीटर टनल में मलबा गिरने से प्रोजेक्ट प्रबंधन का कार्य बढ़ गया। ऐसे में इसकी निर्माण लागत 11 हजार 134 करोड़ तक पहुंची। शुरू की लागत से इसकी निर्माण की लागत सात हजार करोड़ बढ़ी। वहीं, 11 हजार 134 करोड़ से टनल का कार्य पूरा हो गया है। यह परियोजना 800 मेगावाट की है। 90 प्रतिशत पानी की निर्भरता के साथ 90 प्रतिशत पानी की निर्भरता के साथ इसकी डिजाइन ऊर्जा 3124.6 मिलियन यूनिट होगी। -एचडीएम
निदेशक ने किया निरीक्षण
पार्वती जल विद्युत परियोजना-2 के कार्यपालक निदेशक निर्मल सिंह ने बताया कि हेड रेस टनल का कार्य कड़ी चुनौती के साथ पूरा हो गया है। सितंबर 2024 तक बिजली उत्पादन शुरू होगा। टनल पूरी तरह से सुरक्षित है। कार्यपालक निदेशक ने टनल का निरीक्षण
भी किया।
सफलता पर परोसी धाम
परियोजना प्रबंधन ने शीला में टनल का कार्य पूरा होने पर धाम का आयोजन किया। इसमें परियोजना के कार्यपालक निदेशक सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान निदेशक ने सभी अधिकारी, कर्मचारी व मजदूरों को बधाई दी।
10) Himachal news: स्कूल प्रिंसीपल की सीनियोरिटी लिस्ट जारी, सूची में प्रदेश भर से 533 प्रधानाचार्य शामिल
उच्च शिक्षा विभाग ने आखिरकार स्कूल प्रिंसीपल कैडर की फाइनल सीनियोरिटी लिस्ट जारी कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से जारी की गई इस सीनियोरिटी लिस्ट में कुल 533 प्रिंसीपल शामिल हैं। इनमें से लेक्चरर कैडर से 305 और हैडमास्टर कैडर से 228 प्रिंसीपल लिए गए हैं। यह लिस्ट 31 दिसंबर 2016 की पोजिशन के आधार पर बनाई गई है। हालांकि यह हाई कोर्ट में चल रहे केस अश्वनी कुमार बनाम स्टेट ऑफ हिमाचल से प्रभावित रहेगी। दूसरी तरफ प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स यानी टीजीटी कैडर की वर्ष 2020 और 2021 में हुई रेगुलराइजेशन के आधार पर सीनियोरिटी लिस्ट फाइनल करने के लिए डॉक्यूमेंट मांगे हैं। यह डॉक्यूमेंट पहले भी मांगे गए थे, लेकिन एक महीने से ऊपर समय हो गया, अभी तक स्कूलों से जानकारी नहीं आई है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि यह जानकारी न आने के कारण टीजीटी की प्रोमोशन भी लेट हो रही है, क्योंकि डीपीसी नहीं की जा रही। अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 15 नवंबर 2023 तक वर्ष 2020 और 2021 में रेगुलर हुए टीजीटी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट निदेशालय को जल्दी भेजने को कहा है। शिक्षा विभाग में स्कूल प्रिंसीपल की प्रोमोशन होने वाली है और इसके लिए डिपार्टमेंट प्रोमोशन कमेटी की बैठक भी हो गई है। इसमें इस बार उन शिक्षकों को भी प्रिंसीपल बनने का मौका दिया जाएगा, जिन्होंने पिछली बार लिस्ट में नाम आने के बावजूद ज्वाइन नहीं किया था और इस प्लेसमेंट को विभाग ने वापस ले लिया था। टीजीटी से लेक्चरर के पद पर भी करीब 700 टीचर्स की प्रोमोशन होनी है, लेकिन विभाग इसके लिए पहले टीजीटी की बैचवाइज भर्ती का इंतजार कर रहा है। नए शिक्षक मिलने के बाद टीजीटी की प्रोमोशन कर दी जाएगी।
टीजीटी बैचवाइज भर्ती दिवाली से पहले शुरू
टीजीटी की बैचवाइज भर्ती कई जिलों में दिवाली से पहले शुरू हो जाएगी। सिरमौर जिला में दस नवंबर को काउंसिलिंग की शुरुआत हो रही है। इसी तरह अन्य जिलों का भी शेड्यूल जारी हो गया है। कुल 898 पद टीजीटी आट्र्स, नॉन मेडिकल और मेडिकल में बैचवाइज माध्यम से भरे जाएंगे। इन शिक्षकों के आने के बाद दिसंबर महीने की आखिर में या जनवरी में फिर स्कूल लेक्चरर न्यू की प्रमोशन लिस्ट निकलेगी। इसी महीने टीजीटी,जेबीटी और शास्त्री की भर्ती के लिए भी काउंसिलिंग होने जा रही है।