SpiritualTop 5 Mysterious Temples In Himachal –  2023 में आपको भी जरूर देखने चाहिए
16 March 2023 5 mins read

Top 5 Mysterious Temples In Himachal –  2023 में आपको भी जरूर देखने चाहिए

16 March 2023 5 mins read

हिमाचल एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, यहां देवी-देवताओं में गहरी आस्था रखने वाले लाखों श्रद्धालू मंदिरों में शीश नमाने को आते हैं। देवभूमि Himachal Pradesh में ऐसे कई मंदिर हैं जिनके रहस्यों का पता लगाने के लिए विज्ञानिकों ने कई बार कोशिश की, लेकिन वे नाकामयाब रहे। यहां पर ऐसे-ऐसे मंदिर हैं जिनके बारे में सुनते ही आप दांतों तले ऊँगली दबा लेंगे। आज हम आपको Himachal Pradesh के उन पांच रहस्यमयी मंदिरों (Top 5 Mysterious Temples) के बारे में बताएंगे जहां रोज चमत्कार होते हैं, इन मंदिरों के रहस्यों के बारे जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ना।

निशा जरयाल
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#1. शिकारी देवी मंदिर (Shikari Devi Temple)

हिमाचल के मंडी में ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर बना मंदिर आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है, क्योंकि आज तक कोई भी शख्स इस मंदिर की छत नहीं लगा पाया है। कहा जाता है कि मार्कंडेय ऋषि ने यहां सालों तक तपस्या की थी और उनकी तपस्या से खुश होकर यहां मां दुर्गा शक्ति रूप में स्थापित हुईं। कुछ समय के बाद पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां मंदिर का निर्माण तो किया, मगर पूरा मंदिर नहीं बन पाया। सबसे हैरत की बात तो यह थी कि मंदिर पर छत नहीं लग पाई, कहा जाता है कि कई बार इस मंदिर पर छत लगवाने का काम शुरू किया गया, लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही, माता की शक्ति के आगे कोई भी शख्स इस मंदिर की छत नही लगा पाया। मां के पत्थर की मूर्ति स्थापित करने के बाद पांडव यहां से चले गए थे। यहां पर हर साल बर्फ तो खूब गिरती है, लेकिन मां के स्थान पर कभी भी बर्फ नहीं गिरती। मान्यता है कि यहां पर आने वाले हर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।

Photo by Aryan Nikhil on Unsplash

#2. सिमसा माता मंदिर (Simsa Mata Mandir)

देवभूमि में मां का एक ऐसा मंदिर है जो विज्ञान के लिए रहस्य बना हुआ है, यहां फर्श पर सोने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए आज भी मंडी के लड़भड़ोल स्थित शारदा सिमसा के मंदिर में नवरात्रों के दौरान देश भर से हजारों महिलाएं पहुंचती है। संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं मंदिर में सोती है, जिसे संतान धरना कहा जाता है। धरने में मां किसी भी रूप में सपने में आकर महिला श्रद्धालुओं को फल के रूप संतान का आशीर्वाद देती हैं। महिलाओं को धरने से पहले मंदिर के साथ लगती बावड़ी में स्नान करना पड़ता है। स्नान के बाद महिलाएं मंदिर में धरने पर जाती है। अगर किसी महिला के जीवन में संतान सुख नही होता तो मां उनको घर में जाकर काम करने का संकेत दे देती है, यदि मां के आदेश के बाद भी कोई महिला फिर मंदिर में स्नान करके धरने पर जाती है तो उस महिला को चींटियां काटना शुरू कर देती है।

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#3.बैजनाथ मंदिर (Baijnath Temple Himachal Pradesh)

बैजनाथ मंदिर हिमाचल के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिवजी के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है और इसको बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर के जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। हर साल लाखों पर्यटकों को यह मंदिर अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान शिव की पूजा करके मन को एक अद्भुत शांति मिलती है। यह देश के उन कुछ मंदिरों में से एक है जहां शिव और रावण दोनों की पूजा की जाती है।

Photo by Gaurav Sharma on Unsplash

#4. लुटरु महादेव मंदिर (Lutru Mahadev)

Himachal Pradesh के जिला सोलन के अर्की में शिव की लटाओं के नाम से मशहूर लुटरू महादेव मंदिर है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर फूल, फल, दूध-जल, धतूरा और अन्य मिष्ठान तो चढ़ाए जाते हैं, लेकिन खास बात तो यह है शिव को भांग से भरी सिगरेट भी अर्पित की जाती है। हैरानी की बात तो यह है जब भक्त द्वारा सिगरेट चढाई जाती है तो वह अपने आप ही सुलगने लगती है और उसमें से धुआं निकलने लगता है। इस नज़ारे को देखने के बाद यहां के लोगों का मानना है कि स्वयं शिवजी यहां पर सिगरेट पीते हैं, इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए यहां पर दूर-दूर से लोग पहुंचते है।

#5. बिजली महादेव मंदिर (Bijli Mahadev Temple)

कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊँचे पर्वत के उपर Bijli Mahadev का प्राचीन मंदिर है। कुल्लू घाटी की मान्यताओं के अनुसार यह घाटी विशालकाय सांप का एक रूप है। इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था, जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर 12 साल बाद आकाश से भयंकर बिजली गिरती है। बिजली गिरने से मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है। जिसके बाद यहां के पुजारी खंडित शिवलिंग के टुकड़े एकत्रित करके मक्खन के साथ इसे जोड़ देते हैं। कुछ समय के बाद पिंडी अपने पुराने स्परूप में आ जाती है, लेकिन आज तक यह कोई भी पता नही लगा पाया कि आखिर 12 साल में बिजली क्यों गिरती हैं।

अगर आपको हमारा ब्लॉग पसंद आया और इन मंदिरों में से किस मंदिर के आप दर्शन करना चाहेंगे कोमेंट करके जरुर बताएं। इसी तरह हिमाचल से सम्बधित अन्य रोचक किस्सों के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे आपकी अपनी वेब साईट हिमाचल ब्लॉग के साथ।

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