FoodKangari dham की अपनी पहचान, इसका स्वाद न चखा तो क्या चखा
15 March 2023 5 mins read

Kangari dham की अपनी पहचान, इसका स्वाद न चखा तो क्या चखा

15 March 2023 5 mins read

हिमाचल प्रदेश में जब खान-पान की बात की जाती है तो सबसे पहले जहन में आता है धाम। धाम एक तरह से हिमाचल की एक पारंपरिक थाली है। बर्फ से ढके पहाड़ों और खूबसूरत वादियों के अतिरिक्त हिमाचली धाम की अपनी अलग ही पहचान है। अगर आप हिमाचल में घूमने आए और kangari dham खाए बिना ही लौट जाएं तो आपका हिमाचल में घूमना आधा- अधूरा ही रह जाता है।

निशा जरयाल
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शादी हो या फिर कोई अन्य सामारोह इन अवसरों पर मेहमानों व रिश्तेदारों के लिए खाना बनता है, जिसे “धाम” कहा जाता है। यह न केवल आयुर्वेद बल्कि पोषण की दृष्टि से भी संपूर्ण है। हिमाचल के सभी जिलों में “धाम” अलग-अलग तरीके से बनती है और काफी मात्रा में लोग धाम का आनंद लेने लिए सामरोह में भाग लेते हैं। जिसमें कांगड़ी धाम सबसे ज्यादा मशहूर हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कांगडी धाम कैसे बनती है और उसमें कौन-कौन से व्यंजन शामिल हैं।

गड्ढा खोद बनाई जाती है धाम

धाम बनाने के लिए सबसे पहले जमीन में एक 15 फीट लम्बा और डेढ़ फीट गहरा गड्ढा खोदा जाता है। जिसके बाद रसोईये (बोटी) द्वारा उसी जगह पर आग जलाकर सभी तरह के पकवान तैयार किये जाते हैं। धाम बनाने के लिए खास तौर पर पीतल के बड़े बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे धाम में बनने वाला खाना अधिक स्वादिष्ट हो जाता है। भोजन को आमतौर पर सरसों के तेल में पकाया जाता है और ज्यादातर परोसे जाने वाले व्यंजन दहीं के साथ तैयार किए जाते हैं। धाम में प्याज, टमाटर और लहसुन का बिलकुल इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ग्रेवी बनाने के लिए दही का प्रयोग किया जाता है। दहीं हमारे भोजन को पचाने का भी काम करता है।

कांगड़ी धाम में बनने वाले पकवानों के नाम

  • सफेद चने का मदरा
  • मटर पनीर की सब्जी
  • राजमाह की दाल
  • पीले चने की दाल
  • तेलिया माह की दाल
  • कड़ी
  • काले चने का खट्टा
  • मीठे चावल

ऐसे परोसी जाती है धाम

कांगड़ी धाम को परोसते समय सबसे पहले मेहमानों को पत्तल और गिलास दिए जाते हैं। जिसके बाद सादे चावल और हरी मिर्च दी जाती है। इस तरह बारी-बारी सफेद चने का मदर, मटर पनीर की सब्जी, राजमाह की दाल, पीले चने की दाल, माह की दाल परोसी जाती है। सब दालों के बाद काले चने दिए जाते हैं, जो स्वाद में खट्टे लेकिन काफी मजेदार होते हैं। धाम के अंत में मीठे चावल दिए जाते हैं, जो इस धाम में काफी प्रसिद्ध हैं। मीठे चावल में प्रचुर मात्रा में देसी घी, सूखे मेवे और केसर डाले जाते हैं। वहीं कुछ मामलों में लाल और पीले रंग का भी इस्तेमाल भी किया जाता है।

खुले आसमान के नीचे खाया जाता है खाना

धाम बनाने के लिए सारी तैयारियां रात से ही शुरू हो जाती है। एक पारंपरिक धाम में खाना एक पंक्ति में जमीन पर बैठ कर हाथ से बने पत्तल में खाया जाता है। धाम का आनंद खुले आसमान के नीचे लिया जाता है। सभी मेहमानों को समान रूप से भोजन परोसा जाता है और जब सभी लोगों का खाना समाप्त हो जाता है तो सभी एक साथ उठ जाते हैं।

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कांगड़ी धाम (Kangari dham) में खाना पकाने वाले बर्तन

धाम को बनाने के लिए जिन बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें चरोटी कहा जाता है। यह चरोटी छोटे मुहं और गो़ल आकार के ताबें के बर्तन होते हैं। यह काफी मोटे होते है, जिससे उसमें रखा खाना काफी समय तक गर्म रहता है। हिमाचल के अन्य जिलों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

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